नई दिल्ली। आज 15 अगस्त 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले की प्राचीर से एक ऐतिहासिक 103-मिनट का भाषण दिया, जो इस कार्यक्रम में अब तक का सबसे लंबा भाषण रहा। उन्होंने भाषण में देश की सुरक्षा, आर्थिक सुधार, तकनीकी आत्मनिर्भरता और सामाजिक सुरक्षा से जुड़ी कई अहम घोषणाएँ कीं।
प्रधानमंत्री ने शुरुआत में आर्थिक राहत की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए ‘नेक्स्ट-जनरेशन GST सुधार’ की घोषणा की, जिसे दिवाली तक लागू करने का भरोसा दिलाया गया। उन्होंने इसे आम जनता के लिए ‘डबल दिवाली’ बताया और दैनिक उपयोग की वस्तुओं पर टैक्स घटाने का आश्वासन दिया ।
रक्षा क्षेत्र में उन्होंने 'सुदर्शन चक्र' नामक नई रक्षा प्रणाली की शुरुआत की बात कही। यह मिशन देश के रक्षा कवच को मजबूत करने के उद्देश्य से तैयार किया गया है और 2035 तक इसे व्यापक रूप से स्थापित करने की योजना है। उन्होंने पाकिस्तान को स्पष्ट संदेश देते हुए कहा कि भारत अब 'न्यूक्लियर ब्लैकमेल' बर्दाश्त नहीं करेगा ।
आत्मनिर्भरता की दिशा में प्रधानमंत्री ने 'मेड-इन-इंडिया' सेमीकंडक्टर चिप्स वर्ष के अंत तक बाजार में ला देने का वादा किया। उन्होंने उर्वरक, EV बैटरी, जेट इंजन जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में आत्मनिर्भरता पर विशेष जोर दिया ।
अंतरिक्ष और ऊर्जा क्षेत्र में भारत की ताकत का परिचय देते हुए प्रधानमंत्री ने बताया कि देश अपनी स्वयं की स्पेस स्टेशन विकसित करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। साथ ही, उन्होंने परमाणु ऊर्जा क्षमता को 2047 तक दस गुना बढ़ाने और Deep Water अन्वेषण मिशन के माध्यम से ऊर्जा स्वतंत्रता हासिल करने की योजनाएँ साझा कीं ।
सांख्यिकी और सामाजिक सुरक्षा के क्षेत्र में, उन्होंने अवैध घुसपैठ और जनसांख्यिकीय असंतुलन से निपटने के लिए एक ‘उच्च-स्तरीय जनसांख्यिकी मिशन’ की घोषणा की ।
कृषि समुदाय के प्रति प्रतिबद्धता को दोहराते हुए प्रधानमंत्री ने किसानों, मछुआरों और पशुपालकों की सुरक्षा पर जोर दिया और कहा कि कोई भी नीतिगत कदम उनके हितों को बिना चुनौती दिए नहीं लिया जाएगा ।
इसके अतिरिक्त, उन्होंने UPI को वैश्विक स्तर पर सम्मानित डिजिटल प्रणाली बताया और कहा कि यह अब दुनियाभर में उपयोग हो रहा है ।
भाषण का समापन 'विकसित भारत' के विजन से हुआ, जहाँ उन्होंने देश की युवा शक्ति को 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने में अग्रणी बताया। प्रधानमंत्री का यह लगातार 12वां स्वतंत्रता दिवस संबोधन था, जो अवधि और विषय-वस्तु—दोनों के लिहाज़ से अब तक का सबसे विस्तृत भाषण माना जा रहा है।
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