राज्यपाल से मिला वित्त अनुदानित संस्थाओं का प्रतिनिधिमंडल...


पटना। वित्त अनुदानित माध्यमिक विद्यालय, इंटरमीडिएट और डिग्री कॉलेज के कर्मियों का पांच सदस्य प्रतिनिधिमंडल अपनी में समस्याओं के संदर्भ में विमर्श करने हेतु महामहिम राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अलेंकर से राजभवन में मिला। राज्यपाल के साथ फोरम के सदस्यों की तकरीबन सत्रह मिनट बातचीत हुई । राज्यपाल को वित्त रहित शिक्षण संस्थाओं के समस्याओं से अवगत कराया गया। प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल को जानकारी देते हुए कहा कि कर्मियों के लिए वेतनमान प्रावधानित व निर्धारित है मगर आज तक वेतन के नाम पर कुछ भी नहीं मिला है। अनुदान का प्रावधान किया गया मगर वह भी प्रबंधन के रास्ते कर्मियों तक पहुंचना था, वह भी नहीं पहुंच पा रहा है वहीं वर्ष 2016 से उसे भी रोक दिया गया है सिर्फ जांच के नाम पर । समान प्रबंधकीय व्यवस्था के तहत संचालित अल्पसंख्यक विद्यालय एवं मदरसा के कर्मियों को सभी प्रकार की सरकारी सुविधाओं के साथ सातवें पुनरीक्षित वेतनमान का लाभ तो दिया गया मगर पूरे बिहार के वित्तरहित संस्थाओं के कर्मियों को कुछ भी ना देकर नाइंसाफी की गई है। राज्य सरकार में प्रावधानित व्यवस्था के तहत अगर रोड पर भी कोई व्यक्ति दारू पीकर मर जाता है, एक्सीडेंट से मर जाता है या किसी प्रकार से उसकी आकस्मिक मृत्यु हो जाती है तो उसे भी कम से कम चार लाख का मुआवजा मिलता है। मगर वित्तरहित कर्मियों को कुछ भी नहीं मिलता है। सरकार द्वारा संसाधन विहीन प्राइमरी स्कूल, मिडिल स्कूल को उत्क्रमित करके +2 उच्च माध्यमिक विद्यालय में अपग्रेड कर दिया गया और राज्य सरकार द्वारा स्थापित नियमों की अवहेलना की गई । वहीं पर उच्च संसाधन युक्त पर्याप्त भूमि भवन से युक्त वित्तरहित संस्थाओं को जो महामहिम राज्यपाल महोदय के नाम से निबंधित है उनको यूं ही छोड़ दिया गया है। राज्यपाल ने कई मुद्दों पर जानकारी लिया। राज्यपाल द्वारा प्रतिनिधि मंडल से दो-तीन बिंदुओं पर प्रमुखता से पूछताछ की गई । जैसे कि आप लोग नियमित रूप से काम करते चले आ रहे हैं ? क्या आप लोगों ने अपनी समस्याओं के संदर्भ में सरकार को अवगत कराया है ? या संबंधित पदाधिकारी से बात की है ? क्या अभी के प्रावधान से ऐसा है कि आप लोगों को किसी भी प्रकार की सरकारी सुविधा नहीं दी जा रही है या सातवें वेतनमान का लाभ आपको नहीं दिया गया और अल्पसंख्यक विद्यालय एवं मदरसा को दिया गया? फिर उन्होंने कहा कि मैं जल्द ही इस पर सरकार को पत्र लिखूंगा मगर शिक्षा मंत्री से आप लोग मिलकर अपनी बात को रखें। मैं भी उनसे बात करूंगा।

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