पटना। बिहार में हाल के दिनों में अपराध की लगातार घटनाओं को लेकर राज्य की सियासत गर्मा गई है। आरजेडी नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और एनडीए सरकार पर तीखा हमला बोला है।
तेजस्वी ने सोमवार रात पूर्णिया में एक ही परिवार के पांच लोगों की हत्या की घटना को लेकर ट्वीट किया,
“अपराधी सतर्क, मुख्यमंत्री अचेत, भ्रष्ट भुंजा पार्टी मस्त, पुलिस पस्त!”
उनका कहना था कि बिहार में अपराध बेलगाम हो गया है और प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ है।
तेजस्वी ने गिनाए हाल के नरसंहार
तेजस्वी यादव ने दावा किया कि केवल पूर्णिया ही नहीं, राज्य के कई जिलों में हाल के दिनों में ऐसी जघन्य घटनाएं सामने आई हैं। उन्होंने कहा:
- सिवान में 3 लोगों की नृशंस हत्या हुई,
- बक्सर में नरसंहार की घटना में 3 की जान गई,
- भोजपुर में भी 3 लोगों को मौत के घाट उतारा गया।
- पूर्णिया में एक ही परिवार के पांच सदस्य मारे गए
तेजस्वी ने कहा कि यह घटनाएं बताती हैं कि "नीतीश सरकार के नेतृत्व में पुलिस और प्रशासन पूरी तरह विफल हो चुके हैं।"
सिस्टम पर उठाए सवाल, सरकार की चुप्पी पर तंज
तेजस्वी यादव ने कहा कि अफसरशाही लाचार है और सरकार सिर्फ आंकड़ों की बाजीगरी में व्यस्त है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री जनता के बीच नहीं हैं और अपराधियों के मन में कानून का कोई डर नहीं रह गया है।
आरजेडी नेता ने यह सवाल भी उठाया कि इतने बड़े अपराधों के बावजूद न तो मुख्यमंत्री की तरफ से कोई बयान आया, न ही कोई ठोस कार्रवाई दिख रही है।
प्रशासन ने कहा— 'जांच जारी है'
पूर्णिया सहित अन्य जिलों की घटनाओं पर पुलिस प्रशासन ने बयान देते हुए कहा कि सभी मामलों की जांच तेज़ी से की जा रही है और अपराधियों को जल्द पकड़ लिया जाएगा।
हालांकि अब तक किसी बड़े खुलासे या गिरफ्तारी की जानकारी सामने नहीं आई है, जिससे विपक्ष का हमला और तेज़ हो गया है।
क्या यह चुनावी मुद्दा बनेगा?
जैसे-जैसे चुनाव करीब आ रहे हैं, बिहार में बढ़ते अपराधों का मुद्दा मुख्य राजनीतिक विमर्श का हिस्सा बनता दिख रहा है। आरजेडी और कांग्रेस जैसी विपक्षी पार्टियां इसे जनता के बीच एक बड़े सवाल के रूप में ले जा रही हैं — कि "क्या मौजूदा सरकार अपराध रोकने में असफल हो चुकी है?"
अब देखने वाली बात होगी कि एनडीए इस हमले का जवाब किस तरह देता है — और क्या कानून-व्यवस्था वाकई आगामी चुनावों में निर्णायक मुद्दा बन पाएगा। राज्य में इस साल के अंत तक चुनाव होने की संभावना है, और आरजेडी सहित पूरा महागठबंधन नीतीश सरकार को कानून-व्यवस्था, बेरोजगारी और महंगाई के मुद्दों पर घेरने की रणनीति बना रहा है। राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक, तेजस्वी यादव की यह आक्रामकता चुनावी रणनीति का हिस्सा भी है, जिसमें वे नीतीश कुमार की नेतृत्व क्षमता और भाजपा के साथ उनके गठबंधन पर सवाल खड़े कर रहे हैं।
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