पटना। बिहार में सुपारी किलिंग और पेशेवर शूटरों की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए राज्य पुलिस ने एक बड़ा फैसला लिया है। बिहार पुलिस मुख्यालय अब 'शूटर सेल' का गठन करेगा और राज्यभर के सक्रिय व संदिग्ध शूटरों की पूरी जानकारी का डेटाबेस तैयार किया जाएगा।
अपर पुलिस महानिदेशक (मुख्यालय) कुंदन कृष्णन ने सभी जिलों के एसपी और एसएसपी को निर्देश दिया है कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में शूटरों की पहचान कर उनका डेटा इकट्ठा करें। इसके तहत अपराधियों के नेटवर्क, बैकग्राउंड, पुराने केस, मोबाइल लोकेशन और गैंग कनेक्शन जैसी जानकारियों को रिकॉर्ड में लाया जाएगा।
कुंदन कृष्णन ने बताया कि इस स्पेशल सेल की निगरानी में शूटरों की गतिविधियों पर नजर रखी जाएगी, ताकि सुपारी किलिंग, गैंगवार और कॉन्ट्रैक्ट मर्डर जैसी घटनाओं को पहले ही रोका जा सके।
इस निर्णय के पीछे हाल ही में पटना में हुई एक बड़ी हत्या की वारदात है, जिसमें जाने-माने बिजनेसमैन गोपाल खेमका की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। शुरुआती जांच में सामने आया कि यह एक सुपारी किलिंग थी।
इसी बीच एडीजी कुंदन कृष्णन का एक बयान भी चर्चा में है, जिसमें उन्होंने कहा कि "अप्रैल से जून के बीच सबसे ज़्यादा हत्याएं होती हैं, क्योंकि इस दौरान किसानों के पास ज़्यादा काम नहीं होता और कुछ समुदायों के लोग खाली समय में उलझ जाते हैं।" उन्होंने यह भी कहा कि जैसे ही बारिश शुरू होती है, लोग कामकाज में व्यस्त हो जाते हैं और हिंसक घटनाएं कम हो जाती हैं।
इस पूरे घटनाक्रम से साफ़ है कि बिहार पुलिस अब अपराध पर अंकुश लगाने के लिए आक्रामक रणनीति अपना रही है। ‘शूटर सेल’ जैसे कदम अपराधियों के खिलाफ एक मजबूत निगरानी तंत्र तैयार करेंगे।
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