नई दिल्ली। भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भारतीय संविधान के अनुच्छेद 80 के तहत राज्यसभा में चार नए सदस्य नामांकित करने की प्रक्रिया पूर्ण की है। यह नामांकन उन व्यक्तियों को किया जाता है जिन्होंने साहित्य, विज्ञान, कला या सामाजिक सेवा के क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान दिया हो। इस बार नामित किए गए चारों व्यक्तित्व अत्यंत प्रतिष्ठित और अनुभवी माने जाते हैं।
मनोनीत सदस्यों में सबसे प्रमुख हैं उज्ज्वल निकम, जिन्हें 26/11 मुंबई हमले के मुख्य आरोपी अजमल कसाब के मुकदमे में विशेष लोक अभियोजक के रूप में प्रसिद्धि मिली। इसके अतिरिक्त उन्होंने आतंकवाद, संगठित अपराध और जघन्यहत्या जैसे कई मामलों में सरकार का पक्ष मजबूती से रखा है।
सी. सादनंदन मास्टर केरल के वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता हैं। वे दशकों से शिक्षा, स्वच्छता और सामाजिक न्याय के क्षेत्र में सक्रिय हैं। उनका ग्रासरूट (जमीनी) स्तर पर किया गया काम राज्यसभा में सामाजिक मुद्दों पर चर्चाओं को और प्रभावी बनाएगा।
हर्षवर्धन श्रृंगला, भारत के पूर्व विदेश सचिव हैं। उन्होंने जनवरी 2020 से अप्रैल 2022 तक विदेश सचिवालय संभाला और कोविड‑19 महामारी से निपटने में भारत की विदेश नीति को संवाहन किया। इससे पहले वे अमेरिका, बांग्लादेश और थाईलैंड में भारत के राजदूत भी रह चुके हैं।
मीना जैन एक प्रतिष्ठित इतिहासकार हैं, जिन्होंने भारतीय सांस्कृतिक और सामाजिक संरचनाओं पर शोध किया है। विशेषकर महिला नेतृत्व और सामाजिक दृष्टिकोण पर उनके कार्य राज्यसभा की बहसों में ऐतिहासिक गहराई जोड़ेंगे।
यह नामांकन राज्यसभा में विशेषज्ञता और विविधता बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि इस तरह के सदस्यों के आने से उच्च सदन की चर्चाएँ अधिक तथ्यपरक और जन‑हितकारी होंगी।
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